परिवार नियोजन सम्बन्धित सलाह – Family Planning Advice

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परिवार नियोजन सम्बन्धित सलाह – Family Planning Advice

परिवार नियोजन सम्बन्धित सलाह (Family Planning Advice)

  • परिवार नियोजन के साधन-
    अधिकतर महिलाओं को शुरू के कुछ महिनों में जब वे बच्चे को दुध पिलाती है तो माहवारी नही आती व बच्चा ठहरने की सम्भावना भी कम रहती है। पर सभी प्रसुताओं को यह जानना चाहिये कि बिना नहाती का (Lactational Amenorrhea) बच्चा भी ठहर सकता है अतः अनचाहा गर्भ न ठहर जाये इसके लिये परिवार नियोजन का कुछ ना कुछ साधन अवष्य अपनाना चाहिए।
    दो बच्चों के बीच 2 से 3 साल का अन्तर रखना ठीक रहता है, इससे बच्चे की परवरिष भी अच्छी तरह हो जाती है व माँ के स्वास्थ्य में भी सुधार हो जाता है। परिवार नियोजन के साधन दो तरह के होते है-
    1. अस्थायी (Temprary)
    2. स्थायी (Permanent)
    1. अस्थायी – जब दम्पत्ति दो बच्चों के बीच में अन्तर रखना चाहते है तब निम्न लिखित साधन उपयोग में लाये जा सकते है-
  • निरोध (Condom) – यह पुरूषों द्वारा सम्भोग के समय उपयोग किया जाता है।
  • काॅपर-टी या मल्टीलोड – यह महिला की बच्चेदानी में लगाया जाता है जो कि बेहद आसान होता है। यह 3 साल से 5 साल के लिये लगाया जाता है। इसके बारे में काफी भ्रन्तियां है जैसे इससे बच्चेदानी सड़ जाती है, खून बहुत जाता है। महिला मोटी हो जाती है। यह पेट में उपर चढ़ जाती है इत्यादि। यह सब सही नही हैपर यदि हम इसे 100 लोगो में लगता है तो 99प्रतिषत महिलाओं को कोई तकलीफ नही होती पर 1 प्रतिषत महिलाओं में बच्चेदानी में संक्रमण हो सकता है या माहवारी भी ज्यादा हो सकती है । यदि ऐसा होता है तो इसे किसी भी समय आसानी से निकाला जा सकता है।

गर्भनिरोधक गोलियाॅ- प्रसव के बाद 6-8 महिने गर्भनिरोधक गोलिया(इस्ट्रोजन + प्रोजुस्टेरोन) नही लेनी चाहिये क्योकि इससे कुछ हद तक माँ के दुध में कमी आ सकती है। यदि महिला प्रसव के बाद इन गोलियों को लेना चाहती है तो प्रोजेस्टेरोन ओनली पील जो कि बहुत प्रचलित नही है ले सकती है पर इसमें बीच-बीच में थोड़ी ब्लीडिंग हो सकती है। (Break through bleeding)। अतः इसे डाॅ. की सलाह के बाद ही लेना चाहिए। यदि प्रसुता को डायबिटिस, हाई ब्लड प्रेषर या उम्र 35 वर्ष से कम व लीवर की कोई बिमारी नही है तो वह यह गोलिया आराम से ले सकती है। यदि उपर लिखित बिमारियां है तो डाॅ. से सलाह लेकर ही ले।
यदि महिला गर्भ निरोधक गोलिया प्रथम बार शुरू कर रही है तो इसके पहले एक बार अपने चिकित्सक से चेकअप जरूर करवा ले।

गर्भ निरोधक गोलियों के बारे में बहुत सारी भ्रान्तियां निम्नलिखित है-
1. गर्भनिरोध गोलियो का सेवन करने से स्तन, बच्चेदानी या अण्डाषय का कैंसर हो सकता है।
सत्य- लम्बे समय के उपयोग से यह इन कैंसरो से बचाता है।
2. मोटापा बढ़ना- कुछ महिलाओं में इसके सेवन से 2-3 किलो वनज बढ़ सकता है पर आजकल ऐसी गोलियां भी आ गई है जिनसे वनज नही बढ़ता।
3. स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
सत्य- जिन महिलाओं में माहवारी ज्यादा जाने के कारण खून की कमी हो जाती है उनमें यह माहवारी कम करके खून की कमी को रोकती है।
4. इसे लेने के बाद बच्चे नही होते।
सत्य- यह बच्चेदानी में सूजन आने से रोकता है जिससे बांझपन को कम करने में मदद मिलनी है। व साथ ही गोली बन्द करने के तुरन्त बाद ही महिला गर्भवती हो सकती है।
5. सेक्स (Sexual desire and sex pleasure) में कमी आती है।
सत्य -इन गोलियों का इस पर कोई प्रभाव नही पड़ता है।

  • गर्भ निरोधक गोलियों के फायदे-
    1. पिमालस को कम करती है।
    2. माहवारी दर्द को कम करती है।
    3. जिनकी माहवारी अनियमित है उसे नियमित करती है।
    4. बच्चेदानी में सूजन आने से रोकती है।
    5. बच्चेदानी व अण्डाषय के कैंसर से बचाती है।
    6. अनचाहे गर्भ से रोकती है।
    7. महिला जब चाहे इसे बन्द करके जल्दी ही गर्भधारण कर सकती है।
    8. खून की कमी को रोकता है।
    अन्य-
  • योनी में रींग लगाना।
  • हर तीन महिने का डी पो प्रोवेरा इन्जेक्षन।

स्थायी- इस पद्धति को अपनाने से फिर बच्चे होना बन्द हो जाते है।

ट्यूबेकसटाॅमी (Tubectomy) – इसमें operation द्वारा हाथ से या दूरबीन से , दोनो (Fallopain Tubes) फेलोपियन ट्यूबस को बांध कर काट दिया जाता है जिससे बच्चे होने की सम्भावना खत्म हो जाती है।

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